Tuesday 21 March 2017

कई आए, कई गये.
पर जो ना जा सका वो.... "तुम" हो. 

 


कभी सोचता हू लिख दू तुम पर कोई किताब,
फिर लगता है तुम्हारा ज़िक्र सिर्फ़ खुद से ही हो तो बेहतर.

 

 Abhideep Roy

Friday 17 March 2017


दिल की दीवारों में बैठ गई आँखों की नमी आज फिर
मुझे बहुत खल रही है ज़िन्दगी में तेरी कमी आज फिर



Wednesday 15 March 2017

Abhideep Roy Shayri

मेरा चेहरा नही, मेरी जिंदगी मे रंग भरो
तब मानु हप्पी होली


Tum mere baare me utna hi jante ho
Jitna me chahta hu tum jano.


 

Thursday 9 March 2017

Trip to Mussoorie - 2013

Only I Can Change My Live, 
No One Can Do It For Me. 


A trip of memories | Abhideep Roy


तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो,
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता...!!


Wednesday 8 March 2017

Don't Go Through Life, Grow Through Life - Eric Butterworth